विश्व स्तनपान सप्ताह: स्तनपान के लिए मनाया जा रहा जागरूकता सप्ताह

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माताएं ऐसे कैसे रखें शिशुओं का ख्याल
बच्चे के लिए अमृत होता है मां का दूध

रिपोर्ट । राजेन्द्र सूर्यवंशी बेटमा इंदौर
बेटमा, इंदौर। प्रत्येक वर्ष, अगस्त के पहले सप्ताह के दौरान विश्व स्तनपान सप्ताह (World Breastfeeding Week) मनाया जाता है। इसका उद्देश्य शिशुओं के स्वास्थ्य और विकास में स्तनपान की भूमिका को उजागर करना है।

यह वैश्विक कार्यक्रम स्तनपान के प्रति जागरूकता उत्पन्न करने और इसे लेकर व्याप्त भ्रांतियों को दूर कर दुनियाभर में शिशुओं के लिए स्तनपान को बढ़ावा देता है।

स्तनपान को लेकर उचित जानकारी, सहायता की कमी तथा भिन्न-भिन्न प्रकार की भ्रांतियों के कारण मांओं के लिए बच्चे को स्तनपान कराना आसान नहीं होता. ये कारण उन्हें बच्चों को स्तनपान कराने के लिए हतोत्साहित करते हैं, जिसके चलते बच्चे आवश्यक पोषण से वंचित रह जाते हैं. एक प्रचलित भ्रांति है कि बच्चों को स्तनपान कराना हर मां के लिए आसान और स्वाभाविक है, जो सही नहीं है. बच्चे को स्तनपान कराने के लिए मां और बच्चे दोनों को अभ्यास और सहायता की आवश्यकता होती है।

इस वर्ष के स्तनपान सप्ताह की थीम है, ‘क्लोजिंग द गैप रू ब्रेस्टफीडिंग सपोर्ट फॉर ऑल.’ (Closing the Gap: Breastfeeding Support for All.) यह स्तनपान को लेकर एक समावेशी सहायता प्रणाली प्रदान करने के महत्व को रेखांकित करता है, ताकि सभी मां और बच्चे को स्तनपान का लाभ मिल सके।

1 अगस्त से 7 अगस्त तक मनाई जा रहे विश्व स्तनपान सप्ताह के अंतर्गत बेटमा के आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा बेटमा में स्तनपान जागरूकता के अंतर्गत किशोरी बालिकाओं एवं महिलाओं द्वारा रैली का आयोजन किया गया एवं कार्यकर्ताओं द्वारा सामुदायिक स्वास्थ्य विभाग में जाकर के धात्री महिलाओं को स्तनपान कराने की समझाइए दी गई और आंगनबाड़ी केंद्र पर एएनएम द्वारा गर्भवती धात्री एवं किशोरी बालिकाओं को समझाइए दी गई जिसमें परियोजना अधिकारी एवं सुपरवाइजर की मार्गदर्शन से कार्यक्रम आयोजन किया गया जिसमें सभी कार्यकर्ता एवं सहायक का उपस्थिति रही।

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