उज्जैन के घड़ी वाले बाबा, रात-दिन आती है टिक-टिक की आवाज

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Ujjain's clock baba

राजेन्द्र सूर्यवंशी, संवाददाता
उज्जैन। घड़ी का काम केवल समय बताना ही नहीं है, बल्कि यदि घड़ी इस मंदिर में बांध दी जाए तो घड़ी आपका सही वक्त भी ला सकती है। यह बात हम नहीं कह रहे हैं, बल्कि उज्जैन से 40 किलोमीटर दूर स्थित सगस भैरव मंदिर में घड़ी बांधने वाले भक्त कह रहे हैं। जिसे हमारे न्क् न्यूज संवाददाता राजेन्द्र सूर्यवंशी ने खुद जाकर देखा परखा। यहां घड़ी बांधने के लिए दूर-दूर से श्रद्धालु आते हैं और उनकी मान्यता है कि घड़ी बांधने से मन्नत पूरी हो जाती है। यह स्थान घड़ी वाले बाबा के नाम से जाना जाता है।

बीते दो साल में यह मंदिर इतना प्रसिद्ध हो गया कि अब 4 बाई 6 फीट के इस मंदिर में घड़ी रखने की जगह नहीं बची। इसलिए भक्तों ने पेड़ पर ही घड़ियां टांगनी शुरू कर दी। हैरानी की बात ये है कि कभी भी इस मंदिर से घड़ी चोरी नहीं होती है, जबकि मंदिर में कोई पुजारी भी नहीं है। ओर अब हालात ये है कि इस छोटे से मंदिर में करीब 2 हजार से अधिक दीवार घड़ियां लटकी हैं। हालांकि कुछ भक्त यहां सिगरेट और चिलम भी चढ़ाते हैं।

उज्जैन जिले में उन्हेल से महिदपर रोड के बीच पड़ने वाला गांव गुराडिया सांगा घड़ी वाले बाबा के नाम से भी मशहूर है। शिप्रा नदी के नजदीक स्थित इस गांव की प्रसिद्धि यहां के छोटे मंदिर की वजह से देश और दुनियाभर में मशहूर है. यहां स्थित सगस भैरव का मंदिर न सिर्फ इलाके के हजारों लोगों की आस्था का केंद्र है, बल्कि यहां पर दूर-दूर से, दूसरे प्रदेशों से श्रद्धालु इस उम्मीद के साथ आते हैं कि यहां पर घड़ी चढ़ाने से उनका सही वक्त शुरू हो जाएगा। कई भक्तों की यह मान्यता भी है कि उनका वक्त यही से बदला है।

यहां मंदिर गांव के से दूरी पर स्थित है। इसके बाद भी यहां घड़ियों की आवाज लगातार आती रहती है। जब लोग इस रास्ते से गुजरते हैं तो उन्हें दिन रात टिक-टिक की आवाज सुनाई देती है। स्थानीय श्रद्धालु करणसिंह आंजना के मुताबिक 1 दशक से ज्यादा वक्त से यहां पर मंदिर में घड़ियां चढ़ाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इसके पीछे मान्यता से ज्यादा श्रद्धालुओं का विश्वास है।

उज्जैन के घड़ी वाले बाबा, रात-दिन आती है टिक-टिक की आवाज

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