बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर हैं उनका सम्मान करें – श्री जितेंद्र त्रिपाठी होमगार्ड कमांडेंट
वृद्धजनों का आत्मीयता से भरा साथ परिवारों की जड़ों को मजबूत बनाता है – श्री अरविंद उपाध्याय जिला कार्यक्रम अधिकारी
दतिया। बाल प्रगति शिक्षण संस्थान के तत्वाधान में एवं सामाजिक न्याय विभाग दतिया (Social Justice Department Datia) के निर्देशन में वृद्धजन कल्याण के अंतर्गत काव्य एवं वैचारिक संगोष्ठी का आयोजन संस्थान कार्यालय रामनगर कॉलोनी दतिया में किया गया। इस दौरान बड़ी संख्या में वरिष्ठ साहित्यकारों एवं काव्य प्रेमियों ने सहभागिता की।
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में जिला होमगार्ड कमांडेंट (District Home Guard Commandant) जितेंद्र त्रिपाठी उपस्थित रहे एवं कार्यक्रम की अध्यक्षता जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला बाल विकास (Women and Child Development Officer) अरविंद उपाध्याय द्वारा की गई।
कार्यक्रम का शुभारंभ मां सरस्वती की प्रतिमा पर दीप प्रज्वलन एवं माल्यार्पण करके की गई। तत्पश्चात संस्थान के संचालक सुदीप तिवारी द्वारा कार्यक्रम की रूपरेखा पर प्रकाश डाला गया साथ ही संस्थान की गतिविधियों के विषय में भी विस्तार पूर्वक जानकारी दी गई। सरस्वती वंदना वरिष्ठ साहित्यकार पूरनचंद्र शर्मा द्वारा प्रस्तुत की गई।
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कार्यक्रम के मुख्य अतिथि होमगार्ड कमांडेंट जितेंद्र त्रिपाठी द्वारा संबोधित करते हुए बताया गया कि बुजुर्ग हमारे समाज की धरोहर हैं, उनका सम्मान करें हम उन्हें छोड़कर इतिहास बोध से कट जाते हैं और इतिहास बोध से कटे समाज जड़ों से टूटे पेड़ जैसे सूख जाते हैं। जिस परिवार में बड़े बुजुर्गों का सम्मान नहीं होता उस परिवार में सुख, संतुष्टि और स्वाभिमान नहीं आ सकता। इसलिए सदैव बुजुर्गों का सम्मान करना चाहिए।
इस दौरान जिला कार्यक्रम अधिकारी अरविंद उपाध्याय ने बताया कि युवा पीढ़ी भौतिक सुखों तथा अपने सपनों को साकार करने के लिए दौड़ रही है। इसलिए आज का युवा बुजुर्गों को घर की शान, मान तथा अनमोल धरोहर समझने की बजाय उन्हें भार समझने लगा है तथा उनसे कटने लगा है। यह गलत है। बुजुर्गों का आत्मीयता से भरा साथ, अनुभवों का संचार, अनुभवी दृष्टकोण का विस्तार आदि परिवारों की जड़ों को मजबूत बनाते हैं।
इसी क्रम में संस्थान संचालक सुदीप तिवारी ने अपने उद्बोधन में कहा कि बाल प्रगति संस्थान द्वारा निरंतर वृद्धजन कल्याण के क्षेत्र में कार्य किया जा रहे हैं उन्होंने कहा कि हर समाज अपनी नई पीढ़ी को बुजुर्गों का सम्मान और आदर करना सिखाता है। इस बेहतरीन संबंध को पीढ़ी दर पीढ़ी बनाए रखा जाना चाहिए। मौजूदा समय में समाज में बुजुर्गों का सम्मान बढ़ाने के लिए बच्चों को सीख दी जानी चाहिए ताकि वे बुजुर्गों का सम्मान करें।
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कार्यक्रम के अंत में होमगार्ड कमांडेंट जितेंद्र त्रिपाठी एवं जिला कार्यक्रम अधिकारी अरविंद उपाध्याय व वरिष्ठ साहित्यकार कमलकांत शर्मा, पुरनचंद शर्मा को संस्थान द्वारा शॉल, श्रीफल एवं पुष्पमाला भेंटकर सम्मानित किया गया।
कार्यक्रम का सफल संचालन वरिष्ठ साहित्यकार कमलकांत शर्मा द्वारा किया गया एवं आभार प्रदर्शन संस्थान संचालक सुदीप तिवारी ने किया।
इस अवसर पर वरिष्ठ साहित्यकार सुंदरलाल श्रीवास्तव, राज गोस्वामी, चंद्रकांत तिवारी, वीरेंद्र त्रिपाठी, सुघर सिंह रावत, अरुण कुमार पाठक, ज्ञानसिंह अहिरवार, रामरतन विश्वकर्मा, अशोक शर्मा, राम प्रकाश तिवारी, कृष्ण कुमार मिश्रा, कौशल पाठक, मौसम कुशवाहा आदि लोग उपस्थित रहे।