दतिया। भारत सरकार के आदेश पर, संयुक्त राष्ट्र ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया। इसका प्रमुख उद्देश्य मोटे अनाज के प्रति जागरूकता पैदा करने और उत्पादन और खपत को बढावा देना है स इसी उद्देश्य को बढ़ावा देने एवं घर-घर तक मोटे अनाज के प्रति जागरूक करने के लिए पी.जी. कॉलेज दतिया में आज कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ मां. सरस्वती अर्चना से हुआ स कार्यक्रम में संबोधित करते हुए प्राचार्य डॉ राहुल ने मोटे अनाजों के बारे में एक संक्षिप्त पृष्ठभूमि रखी स प्रो. सुधीर पांडेय ने अपने संबोधन में प्राचीन खानपान एवं आधुनिक भोजन के बदलाव के संबंध को दर्शाते हुए अनुभव को साझा किया एवं कार्यक्रम में उपस्थित विशिष्ट अतिथि सूबेदार शेर सिंह ने अपने अनुभव को बताते हुए इसको ताकत और शारीरिक क्षमता के कुछ उदाहरण देकर महत्व को समझाया एवं भविष्य में इसके अधिक से अधिक उपयोग पर आशा ब्यक्त की ।
कार्यक्रम में मोटे अनाजों के प्रति विस्तार से जानकारी डॉ. शिवारमन पांडेय ने रखते हुए बताया मोटे आनाज जैसे ज्वार, बाजरा, रागी की न्यूट्रीशनल वैल्यू सामान्य अनाज से कहीं ज्यादा होती है इसमें कैल्शियम, फाइबर प्रचुर मात्रा में पाया जाना एवं वसा का कम मात्रा में उपस्थित होना इसके पोषण गुण को बढ़ाता हैस 1960 के समय ग्रीन रिवॉल्यूशन आने के दौरान से आज तक मोटे अनाजों के उत्पादन में कैसे कमी आई है एवं इस कमी से किस प्रकार से भोजन व्यवस्था एवं स्वास्थ्य प्रभावित हुए हैं इस पर विस्तृत चर्चा करते हुए इसके उत्पादन के बढ़ने एवं अधिक से अधिक उपयोग करने के तरीकों एवं प्रयासों पर जानकारी दी।
कार्यक्रम में प्राचार्य डॉ. डी. आर. राहुल, विशिष्ट अतिथि 15 बटालियन के सूबेदार शेर सिंह, कैप्टन प्रो. सुधीर पांडेय एवं डॉ. शिवारमन पांडेय सहित, एनसीसी स्वयं सेवक समर्थ शर्मा, राधा, चांदनी, खुशी, साक्षी, दीपक, रितिक सहित अन्य एन.सी.सी. स्वयंसेवक उपस्थित रहे