कृष्णकांत दौहरे सीहोर। जिले की बुधनी तहसील के गांव खटपुरा के 10 मज़दूर गुजरात के मोरबी स्थित सेनलेक्स कंपनी में काम करने गए थे। यह सभी मजदूर 29 अगस्त 2024 को गुजरात के मोरबी पहुंचे थे।
सभी 10 मजदूर सीहोर के पास के ठेकेदार रामेश्वर के माध्यम से गए थे। इन सभी मजदूरों को कंपनी द्वारा बंधक बनाकर काम कराया जा रहा था और उन्हें मजदूरी भी नहीं दी जा रही थी। यह सभी मजदूर अनुसूचित जनजाति वर्ग के हैं।
गुजरात के मोरबी से बंधक इन मजदूरों ने 100 डायल कर पुलिस को सूचित किया और बुदनी के एसडीएम राधेश्याम बघेल तथा शाहगंज थाना प्रभारी पंकज वाडेकर तक भी अपनी बात पहुंचाई।
एसडीएम श्री बघेल ने शाहगंज थाना प्रभारी को गुजरात पुलिस से समन्वय कर कम्पनी वालों पर मजदूरों को मुक्त करने के लिए दबाव बनवाया। साथ ही शाहगंज के तहसीलदार, नायब तहसीलदार और पटवारी द्वारा मजदूरों के घर वापसी के लिए उनके बैंक खाते में नकद राशि डलवाई गई।
प्रशासन और पुलिस की मुस्तैदी से सभी 10 मजदूर 09 सितंबर 2024 को सही सलामत अपने घर खटपुरा पहुंच गए है।
कंपनी द्वारा मजदूरों को 17000 रुपए प्रति माह मजदूरी देने का वादा किया गया था। यह भी बताया गया था की मोरबी की इस कंपनी में बैनर बनाने के रोल की लोडिंग अनलोडिंग का कार्य किया जाना है। जिसमें प्रति रोल लगभग 30 से 40 किलो वजन होगा। लेकिन वास्तव में बैनर के रोल 70 से 80 किलो वजन के थे। अधिक वजन उठाने की वजह से 3-4 मजदूर बीमार भी हो गए।
एक सप्ताह काम करने पर मजदूरों ने वापस जाने के लिए कहा तो कम्पनी ने वापस नहीं जाने दिया और बंधक बना लिया। बंधक बनाए जाने पर मजदूरों द्वारा 100 डायल कर पुलिस, एसडीएम को सूचना दी गई और मदद मांगी गई। सकुशल अपने घर पहुंचने पर इन सभी मजदूरों ने प्रशासन और पुलिस को दिल से धन्यवाद दिया।
बुधनी तहसील के ग्राम खटपुरा निवासी जिन 10 मजदूरों को गुजरात के मोरबी स्थित कंपनी ने बंधक बनाया उनमें पप्पू सोलंकी उम्र 30 साल, रामकिशोर सोलंकी उम्र 21 साल, प्रेम किशोर उम्र 18 साल,अनिल कलमे उम्र 22 साल, निखिल लोहरिया उम्र 18 साल, संदीप उम्र 18 साल, अरूण भुसरिया उम्र 21 साल, राकेश उम्र 30 साल, अमन सोलंकी उम्र 19 साल, धरम वीर उम्र 18 साल शामिल हैं।