लाली झा, जतारा । श्री पार्श्वनाथ दिगंबर जैन मंदिर अतिशय क्षेत्र आदिश्वर धाम जतारा एवं श्री शांति विद्यानगर जतारा में 23 वें तीर्थंकर 1008 श्री पारसनाथ भगवान के मोक्ष कल्याणक महा महोत्सव, मुकुट सप्तमी (मोक्ष सप्तमी) के पावन अवसर पर प्रातः कालीन वेला में मंदिर जी प्रांगण में (दोनों मंदिरों में )सामूहिक रूप से श्री जी के अभिषेक शांति धारा उपरांत श्रद्धालुओं द्वारा निर्वाण लाडू समर्पित किया गया ।
भारतीय जैन संगठन तहसील अध्यक्ष एवं जैन समाज प्रवक्ता अशोक कुमार जैन ने बताया कि, श्रावण शुक्ल सप्तमी के ही दिन शिखर जी (झारखंड) में स्थित स्वर्ण भद्र कूट से 23 वें तीर्थंकर 1008 श्री पार्श्वनाथ भगवान को निर्वाण की प्राप्ति हुई।
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अर्थात मोक्ष प्राप्त हुआ था, तभी से इस पावन पुनीत दिवस को मोक्ष सप्तमी या मुकुट सप्तमी के नाम से जाना जाता है एवं संपूर्ण भारतवर्ष के जैन धर्मावलंबी इस दिन भगवान पार्श्वनाथ की विशेष पूजन विधान करने के उपरांत मोक्ष का प्रतीक निर्वाण लाडू समर्पित करते हैं और भावना भाते है, कि हे भगवन जिस तरह आपने अपने कर्मों को काटकर मोक्ष प्राप्त किया उसी तरह हम भी अपने कर्मों को काटकर मोक्ष को प्राप्त करें ।
श्री दिगंबर जैन अतिशय क्षेत्र आदिश्वर धाम जतारा में श्री जी की शांति धारा करने का सौभाग्य अजित कुमार अमित कुमार माते, संतोष कुमार महेंद्र कुमार टानगा, इजी. पवन कुमार आयुष मोदी, शिखर चंद्र राजेश कुमार माते, संतोष कुमार भोपाली, चक्रेश जैन अनुज, श्री चंद्र पदम माते, संजीव कुमार जैन मांची परिवार को प्राप्त हुआ एवं निर्वाण लाडू समर्पित करने का सौभाग्य अमित माते, संतोष कुमार स्वप्निल रामगढ़, श्री मति अनिता जैन टानगा, प्रकाश चंद सतीश कुमार जैन शिक्षक टानगा परिवार वालों को प्राप्त हुआ ।
कार्यक्रम का संचालन जैन समाज उपाध्यक्ष अशोक कुमार जैन द्वारा किया गया, कार्यक्रम में बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे ।