अब तक 9 लाख 61 हजार प्रकरणों का निराकरण
राजस्व प्रकरणों में 90 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण करने वाले जिलों में सीहोर सहित अनेक जिले शामिल
कृष्णकांत दौहरे सीहोर। लंबित राजस्व प्रकरणों के निराकरण के लिये प्रदेश में चल रहे राजस्व महा अभियान 2.0 में अब तक 9 लाख 61 हजार 245 प्रकरणों का निराकरण किया जा चुका है। इनमें 85 हजार 147 नामांतरण 10 हजार 752 बंटवारा 4 हजार 970 अभिलेख दुरूस्ती और 8 लाख 60 हजार 376 नक्सा तरमीम के प्रकरण शामिल है।
महा अभियान की राज्य, संभाग, जिला और तहसील स्तर पर रोजाना समीक्षा की जा रही है। समीक्षा के दौरान राजस्व अधिकारियों की सक्रिया पर भी नजर रखी जा रही है। महा अभियान में उदासीनता लापरवाही बरतने वाले राजस्व अधिकारियों को दण्डित किया जायेंगा। अच्छा काम करने वाले अधिकारियों को पुरस्कृत भी किया जायेगा।
राजस्व महा अभियान 2.0 में 18 जुलाई से एक अगस्त तक सिंगरौली और रायसेन जिलों में कुल लंबित नामांतरण प्रकरणों में से 99 प्रतिशत से अधिक का और बैतूल, बड़वानी, दतिया, नर्मदापुरम, मण्डला, हरदा, सीहोर, सिवनी, जबलपुर, कटनी, देवास, नीमच, बालाघाट, मुरैना, डिण्डौरी एवं इंदौर जिले में कुल लंबित नामांतरण प्रकरणों में से 90 प्रतिशत से अधिक प्रकरणों का निराकरण किया गया है।
बंटवारा प्रकरणों में अलीराजपुर, दतिया, रायसेन और हरदा जिले ने कुल लंबित प्रकरणों में से 100 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण किया है। सिंगरौली में 99 प्रतिशत से अधिक भिण्ड, नर्मदापुरम, मण्डला, बड़वानी, भोपाल, कटनी, आगर-मालवा, मुरैना, सिवनी, जबलपुर, खरगौन, बुरहानपुर, शाजापुर, नीमच, डिण्डौरी, झाबुआ और बैतूल जिलों में कुल लंबित प्रकरणों में से 90 प्रतिशत से अधिक का निराकरण किया गया है।
अभिलेख दुरूस्ती के मामलों में हरदा, शाजापुर और श्योपुर में कुल लंबित प्रकरणों में से 100 प्रतिशत का निराकरण किया गया है। नर्मदापुरम, सीहोर, मण्डला विदिशा, आगर-मालवा, नरसिंहपुर, छिन्दवाड़ा, मंदसौर, मैहर, जिलों में बंटवारे के कुल लंबित प्रकरणों में से 90 प्रतिशत प्रकरणों से अधिक का निराकरण किया गया है।
राजस्व न्यायालयों में समय सीमा पार लंबित नामांतरण, बंटवारा, अभिलेख दूरूस्ती के लंबित 100 प्रतिशत प्रकरणों का निराकरण इसके साथ ही नक्शें पर तरमीम उठाना, खसरे की समग्र/आधार से लिंकिंग समग्र का आधार से ई-केवाईसी नवीन एवं ऑफलाइन/ नम्बर से उतरे राजस्व प्रकरणों को आरसीएमएस पर दर्ज कराना, स्वामित्व योजना के तहत आबादी भूमि के सर्वेक्षण के कार्य को पूरा करना, फार्म रजिस्ट्री का क्रियान्वयन, पीएम किसान सेचुरेशन,आदेशों का राजस्व अभिलेख में अमल और डिजीटल क्रॉप सर्वेक्षण शामिल है।
So far, 9 lakh 61 thousand 245 cases have been resolved in the Revenue Maha Abhiyan 2.0 running in the state to resolve pending revenue cases. These include 85 thousand 147 transfers, 10 thousand 752 partitions, 4 thousand 970 record corrections, and 8 lakh 60 thousand 376 map amendments.
The Maha Abhiyan is reviewed daily at the state, division, district, and tehsil level. During the review, the performance of revenue officers is also being monitored. Revenue officers who show indifference and negligence in the Maha Abhiyan will be punished. Officers doing good work will also be rewarded.
In the Revenue Maha Abhiyan 2.0, from July 18 to August 1, more than 99 percent of the total pending name transfer cases in Singrauli and Raisen districts and more than 90 percent of the total awaiting name transfer cases in Betul, Barwani, Datia, Narmadapuram, Mandla, Harda, Sehore, Seoni, Jabalpur, Katni, Dewas, Neemuch, Balaghat, Morena, Dindori and Indore districts have been resolved in the Revenue Maha Abhiyan 2.0.
In partition cases, Alirajpur, Datia, Raisen, and Harda districts have resolved 100 percent of the total pending cases. More than 99 percent of the cases in Singrauli have been resolved. More than 90 percent of the total pending cases have been resolved in Bhind, Narmadapuram, Mandla, Barwani, Bhopal, Katni, Agar-Malwa, Morena, Seoni, Jabalpur, Khargone, Burhanpur, Shajapur, Neemuch, Dindori, Jhabua and Betul districts.
In the cases of record correction, 100 percent of the pending cases have been resolved in Harda, Shajapur, and Sheopur. More than 90 percent of the total pending cases of partition have been resolved in Narmadapuram, Sehore, Mandla, Vidisha, Agar-Malwa, Narsinghpur, Chhindwara, Mandsaur and Maihar districts.
Resolution of 100 percent of pending cases of name transfer, partition, and record correction pending beyond the time limit in the revenue courts, along with this, making corrections in the maps, linking of Khasra with Samagra/Aadhaar, e-KYC of Samagra with Aadhar, registering new and offline/number based revenue cases on RCMS, completion of survey work of inhabited land under the Swamitva Yojana, implementation of farm registry, PM Kisan saturation, implementation of orders in the revenue records and digital crop survey are included.