BSNL कर्मचारी लगा रहे अपने ही विभाग को पलीता

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BSNL employees are ruining their own department

सिम लेने को घूमते फिरते हैं उपभोक्ता लोग

लाली झा टीकमगढ़
टीकमगढ़। जतारा के बीएसएनल ऑफिस में ताला पड़ा रहता है यहां पर पदस्थ अधिकारी भी महीने में दो या तीन बार ही आते हैं और वह छतरपुर में रहकर ही ऑफिस चलती है जब आपको बता दे कि बीएसएनएल के ही कर्मचारियों एवं अधिकारियों की बदौलत ही लोगों ने पहले भी बी एस एन एल उपभोक्ताओं का मोह भंग हो गया था भंग जो उन्हें कहीं जिओ एयरटेल और आइडिया और वोडाफोन और जैसी कंपनियों की सिम में लेनी पड़ रही थी।

लेकिन जब एक बार फिर से बीएसएनल खड़ा होने की कगार पर आ रहा है तो उन्हीं से के कर्मचारी फिर से उसको गिराने की फिराक में लग चुके है ऐसा ही मामला जतारा बीएसएनल ऑफिस में आज देखने को मिला है।

जतारा बीएसएनल ऑफिस में आज दोपहर के 12ः01 बजे की लगभग ताला पड़ा रहा जब इसकी सूचना एसडीओ को दी तो उन्होंने कहा कि मैं पलेरा में हूं और उनके और वरिष्ठ अधिकारियों को जब इसकी सूचना सागर जे ई को दी गई।

तो उन्होंने कहां की आप टीकमगढ़ में अधिकारी से बात करें जब टीकमगढ़ में अधिकारी से बात की तब उन्होंने एक बम्होरी ऑफिस से एक कर्मचारी को यहां भेजो जब अंदर जाकर देखा तो व घास फूस भी घुटनो तक खड़ी हुई थी जिसमें सांप बिच्छू बिचरण करते रहते है इससे भी ऐसा लगता है कि यहां पर पदार्थ कर्मचारी यहां आते ही नहीं है और ना ही यहां पर कोई साफ सफाई पर ध्यान देते हैं।

नगर के एक पूर्व में रहे उपभोक्ता भगवत शरण मिश्रा का कहना है कि पहले हम बीएसएनएल की सिम चलती थी जब बीएसएनएल की सिम के टावर नहीं मिलते थे तो हमें मजबूरी में बीएसएनएल की सिम को जिओ में पोर्ट करना पड़ा लेकिन अब जिओ की रिचार्ज महंगे होने के कारण हमने इसको फिर से बीएसएनएल में पोर्ट करा लिया है।

लेकिन आज मैं यहां पर ऑफिस के दरवाजे पर आठ दस दिन से भटक रहा हूं हमें ताला अंदर बाहर डला हुआ मिलता है और ना ही कोई भी कर्मचारी यहां नहीं मिलता है और हमारी इससे काम नहीं कर रही है जिससे हमारा व्यवसाय भी मोबाइल से ही चलता रहता है क्योंकि मैं फोन पे इसी पर चलता हूं जिससे मेरे व्यापार में अधिकांश कर ट्रांजैक्शन फोन पे पर न होने के कारण और ना ही नेट चलने के कारण हमें लगता है कि हमें फिर से एक बार किसी निजी कंपनी की सिम में पोर्ट करना पड़ेगी नगर में बीएसएनएल के कई विक्रेता भी बैठे नहीं मिलते हैं कि वह अपना स्टॉल बीएसएनल का कहां पर लगाए हुए हैं

जब बीएसएनल में बैठे एक कर्मचारी से पूछा तो उन्होंने कहा कि ग्राम किटाखेरा की किसी यादव के पास इसकी समय है जो वही बेच रहे हैं लेकिन जब उनके अधिकारियों से सिम की रेट पूछे तो किसी ने बताया 200 की है तो किसी ने बताया कि ढाई 100 की सिम एवं रिचार्ज है बीएसएनल ऑफिस का भी किसी भी व्यक्ति को पता नहीं चलता कि बीएसएनएल ऑफिस कहां है।

क्योंकि ऑफिस की आगे ना तो कोई होडिंग लगा है ना दीवारों पर ऑफिस किया लेख है ना कोई बैनर है जिससे एक हर किसी को वह लगता है कि यह एक सरकारी बिल्डिंग है लेकिन क्या है यह किसी को पता नहीं रहती है क्योंकि आगे दुकानदारों ने वहां पर दुकान अपनी अपनी सजा कर रखी है जिससे ऑफिस की जानकारी नहीं लगती है

अगर ऐसा ही बीएसएनल ऑफिस में चला रहा तो एक दिन फिर से बीएसएनल डूबने की कगार पर आ जाएगा जैसे अन्य कई निजी कंपनियां अपने-अपने ऑफर बताती हैं तो इसी प्रकार बीएसएनल को भी अपने ऑफर बताना चाहिए लेकिन उनके वरिष्ठ अधिकारी एवं कर्मचारी किसी को स्कीम या ऑफर बताने में हिचकिचाते चाहते हैं ना तो इनका कोई प्रचार प्रसार रहता है और ना ही कुछ रहता है इनको तो केवल अपने घर बैठकर ऑफिस चलाने में ही मजा आता है।

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