सीहोर जिले के लिए एक लाख कृत्रिम गर्भाधान का लक्ष्य निर्धारित

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A target of one lakh artificial insemination has been set for Sehore district

लक्ष्य प्राप्त करने के लिए पूरे मन से टीम वर्क के रूप में कार्य करने की जरूरत- कलेक्टर श्री सिंह

कृष्णकांत दौहरे इछावरए सीहोर। पशुपालन एवं डेयरी विभाग (Animal Husbandry and Dairying Department) द्वारा कलेक्टर प्रवीण सिंह के निर्देश पर राष्ट्रव्यापी कृत्रिम गर्भाधान कार्यक्रम के तहत (सेक्स सोर्टेड सीमन से कृत्रिम गर्भाधान) (Artificial insemination with sex sorted semen) के संबंध में पीएम कालेज ऑफ एक्सीलेंस चंद्रशेखर आजाद शासकीय स्नात्कोत्तर महाविद्यालय में एआई कार्यकर्ताओ की कार्यशाला आयोजित की गई।

इस कार्यशाला में जिले में पदस्थ पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अधिकारी-कर्मचारी, दुग्ध उत्पादक संघ तथा पशुपालक शामिल हुए। कार्यशाला में पंडित श्री पृथ्वीवल्लभ दुबे भी उपस्थित थे। कलेक्टर प्रवीण सिंह ने सभी अधिकारी-कर्मचारियों को संबोधित करते हुए कह कि कुछ अलग करने के लिए लक्ष्य भी बड़ा होना चाहिए और इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सभी घटकों को टीम वर्क के रूप में अथक प्रयास करने की जरूरत होती है।

उन्होंने कहा‍ कि सीहोर जिले की टीम ने अनेकों बार अपने अथक प्रयासों से यह सिद्ध कर दिखाया है, कि पूरी लगन और मेहनत से टीम भावना के साथ काम किया जाए तो सफलता निश्चित ही मिलती है। कलेक्टर श्री सिंह ने कहा कि आपकी क्षमताओं को देखते हुए सीहोर जिले ने एक लाख सैक्स सोर्टेड सीमन द्वारा कृत्रिम गर्भाधान का लक्ष्य निर्धारित किया है।

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इस लक्ष्य को हम सभी को टीम वर्क के रूप में काम करके प्राप्त करना है। उन्होंने कहा कि परंपरागत खेती के समय में गायों और बैलों दोनों की आवश्यकता होती थी। खेती में आ रहे बदलावो के साथ-साथ नई तकनीकों के उपयोग से बैलों की आवश्यकता कम हो गई है। पशुपालकों से निरंतर संपर्क कर यह बताना होगा कि वर्तमान परिवेश में उन्नत नस्ल की बछियों तथा दूध के लिए मादा पशुओं की संख्या में वृद्धि की आवश्यकता है।

अब कृत्रिम गर्भाधान से चयनित उन्नत मादा पशुओं की संख्या बढ़ाई जा सकती है। यदि हम यह बात सभी पशुपालकों और किसानों तक पहुंचा सके तो निश्चित ही एक लाख सेक्स सार्टेड सीमन द्वारा कृत्रिम गर्भाधान के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे।

इस दौरान उन्होंने अनेक जिलों में प्राप्त विशेष उपलब्धियों के बारे में अनुभव साझा किए। कलेक्टर श्री सिंह ने कृत्रिम गर्भाधान में उत्कृष्ट कार्य करने वाले एआई कार्यकर्ताओं को सम्मानित किया। उन्होंने कहा कि इस लक्ष्य को प्राप्त करने पर सभी अधिकारी-कर्मचारियों को सम्मानित किया जाएगा।

कलेक्टर श्री सिंह ने पाशुपालन विभाग द्वारा प्रकाशित ष् सेक्स सोर्टेड सीमन द्वारा कृत्रिम गर्भाधानष् मार्गदर्शिका का विमोचन भी किया। कार्यशाला में कृषि विभाग के उपसंचालक श्री केके पांडे, पशुपालन विभाग के उपसंचालक डॉ एकेएस भदौरिया ने भी संबोधित किया।

सेक्स सोर्टेड सीमन द्वारा कृत्रिम गर्भाधान के लाभ : Advantages of artificial insemination by sex sorted semen

सेक्स सोर्टेड सीमन द्वारा कृत्रिम गर्भाधान से उन्नत नस्ल की बछियों का उत्पादन होता है। मादा पशुओं की संख्या में वृद्धि होने से अधिक दुग्ध उन्पादन होता है। पशुपालक को अलग से सांड रखने की आवश्यकता नहीं है। उत्तम नस्ल के सांड का सेक्स सोर्टेड सीमन की दूरस्थ गांव में उपलब्धता।

सांड की मृत्यु उपरांत भी उसके सीमन को संरक्षित रख उसका उपयोग कर मादा संतति उत्पन्न करना संभव होता है। चयनित उन्नत प्रजातियाँ की मादा पशु संख्या विकसित करना इच्छित गुणों अथवा जाति की मादा संतति प्राप्त करना। मात्र 100 रूपये में सेक्स सोर्टेड सीमन की उपलब्धता।

नर वत्स के पालन-पोषण में अनावश्यक व्यय से बचत। बाहर से पशु क्रय न होने से बीमारीयों से रोकथाम होती है। प्रजनन जनित रोगों से बचाव। कम समय मे जेनेटिक अपग्रेक्लेशन सहित अनेक लाभ है।

सेक्स सोर्टेड सीमन से कृत्रिम गर्भाधान की आवश्यकतायें : Requirements for artificial insemination with sex sorted semen

कृत्रिम गर्भाधान करने के लिए प्रशिक्षण एवं प्रशिक्षित व्यक्ति आवश्यक है। इसके लिए पंचायत स्तर पर मैत्री कृत्रिम गर्भाधान कार्यकर्ता लगातार प्रशिक्षित किये जा रहे हैं। साथ गर्मी / हीट के लक्षणों एवं गर्भाधान के लिए उचित अवस्था का ज्ञान होना आवश्यक है।

हिमीकृत सीमन का सावधानीपूर्वक रखरखाव आवश्यक है। उच्च अनुवांशिक गुण वाले सांड से सीमन एकत्रित कर स्ट्रो एवं अन्य उपकरणों के माध्यम से चयनित मादा में गर्भधारण कराने की विधि कृत्रिम गर्भाधान है।

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