वर्षा ऋतु में बाढ़ एवं अतिवृष्टि के कारण जल जनित संक्रामक रोगों एवं महामारी रोकने को लेकर स्वास्थ्य विभाग ने जारी किये दिशा निर्देश
दतिया। वर्षा ऋतु में बाढ़ एवं अतिवृष्टि के कारण अनेक स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं उत्पन्न होने की संभावनाएं होती हैं। इनमें संक्रामक रोगों की संख्या में बढ़ोत्तरी और महामारी फैलने जैसी स्थितियां शामिल हैं।
ऐसे में यदि इन समस्याओं की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु पूर्व से ही कारगर उपाय कये जाये तो प्राकृतिक विपदा का सामना आसानी से किया जा सकता है। इसके लिए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियों करने हेतु दिशा निर्देश जारी किये हैं।
मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. आर.बी. कुरेले का कहना है कि जारी दिशा निर्देशों का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कर की गई कार्यवाही से कार्यालय को तत्काल अवगत करावें। महामारी फैलने की दशा में अथवा बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों की शीघ्रातिशीघ्र सूचना भेजना सुनिश्चित करें, जिससे संक्रामक जल जन्य बीमारियों के फैलाव को रोकने के लिए उचित कार्यवाही की जा सके। इसके लिए हमें निम्न दिशा निर्देशों को ध्यान में रखना हैं
- बाढ़ से प्रभावित चिन्हित क्षेत्रों में सतत् निगरानी रखी जाए।
- अस्थायी राहत शिविर स्थापित कर चिकित्सा व्यवस्था संपादित की जायें जिससे महामारी बीमारियों की रोकथाम व उपचार की व्यवस्था सुनिश्चित की जा सके।
- बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में विभिनन संक्रामक रोगों, महामारी की रोकथाम हेतु उचित प्रचार-प्रसार करें, जिससे महामारी के बारे में आमजन जागरूक हो सकें।
- चिन्हित समस्यामूलक ग्रामों में महामारी/आपदा नियंत्रण हेतु संबंधित डिपो होल्डर/स्वास्थ्य कार्यकर्ता के पास पर्याप्त मात्रा में जीवनरक्षक दवाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करें व सतत् निगरानी बनाये रखें।
- ब्लॉक की काम्बेट टीम के सदस्यों को एलर्ट जारी कर सजग रहने हेतु निर्देश करें।
- जिले अंतर्गत समस्त ग्रामों, बस्तियों, टोलों-मजरों में जीवनरक्षक दवाओं की पर्याप्त मात्रा में उपलब्धता सभी डिपो होल्डर्स सुनिश्चित करें।
- विकासखण्ड स्तर पर ब्लॉक मेडीकल ऑफीसर संबंधित अनुविभागीय अधिकारी व अन्य संबंधित विभागों (महिला एवं बाल विकास विभाग, पंचायत विभाग, लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग), आदि से समन्वय रखें।
- सूचना, शिक्षा, संचार तंत्र का सुदृढ़ीकरण कर विभिन्न विभागों वन, पुलिस, लोक स्वास्थ्य एवं यांत्रिकी, पंचायत विभाग, महिला एवं बाल विकास तथा शिक्षा आदि विभागों से स्थानीय सतर पर समस्त कार्यकर्ता आपसी सहयोग रखें। ताकि महामारी नियंत्रण व प्राकृतिक आपदा बाढ़ आदि से निपटा जा सके।
- संक्रामक रोगों की प्रभावी रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु मैदानी अमलों जैसे-आशा कार्यकर्ता, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता, एएनएम, एमपीडब्ल्यू, सीएचओ, एलएचव्ही/एमपीएस आदि समस्त स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं/अधिकारियों का उन्मुखीकरण किया जाये।
- अपने-अपने क्षेत्रान्तर्गत औषधि भण्डारगृहों में संक्रामक रोगों के उपचार संबंधी औषधियों व जीवन रक्षक औषधियों को स्टॉक बनाये रखें। आवश्यकता पढ़ने पर तत्काल मांग पत्र जारी करें व वरिष्ठ अधिकारियों को अवगत करायें एवं सतत् निगरानी रखें।
- आपदा की स्थिति में त्वरित उपचार एवं प्रबंधन हेतु सहयोगी निजी संस्थाएं, गैर शासकीय संस्थान तथा सिविल सोसायटी के प्रतिनिधियों के साथ समन्वय रखें व सहयोग लें।
जिले में उत्पन्न होने वाली स्वास्थ्य संबंधी आपदा की स्थिति डॉ. आर.बी. कुरेले मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी मो. नं. 8103302541, डॉ. नीलम मण्डेलिया जिला स्वास्थ्य एवं महामारी नियंत्रण अधिकारी मो. नं. 9826212338, डॉ. जयंत यादव जिला सर्विलेंस अधिकारी (आईडीएसपी) दतिया मो. नं. 9406500525, श्री मनोज कुमार गुप्ता, महामारी विशेषज्ञ (आई.डी.एस.पी.) मो. नं. 9425762750 से संपर्क किया जा सकता है।
इसके अलावा जिले के अंतर्गत क्षेत्र से बाढ़ आपदा, महामारी व आकस्मिक घटनाओं से संबंधित मरीजों/प्रभावितों को जिला चिकित्सालय में किसी भी तरह की समस्या/परेशानी होने पर डॉ. के.सी. राठौर सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक जिला चिकित्सालय दतिया मो. नं. 9981607011, डॉ. दिनेश कुमार तोमर, आर.एम.ओ. जिला चिकित्सालय दतिया मो. नं. 9907453204 पर संपर्क किया जा सकता है।