Datia News : आचार संहिता हटने के बाद लूटने लगी मनरेगा योजना

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ग्राम पंचायत धीरपुरा में जेसीबी मशीन से हो रहे विकास कार्य।
मजदूरों को मनरेगा में मजदूरी देने में हो रही बड़ी धांधली।
पंचायत से लेकर जनपद तक दौड़ाए जा रहे कागजी घोड़े।

After the code of conduct was lifted, the MNREGA scheme started getting looted

दतिया। लोकसभा चुनाव संपन्न होने के पश्चात आचार संहिता हट चुकी है लेकिन आचार संहिता हटने के पश्चात दतिया जिले के विभिन्न ग्राम पंचायत में हो रहे विकास कार्य में महात्मा गांधी गारंटी योजना (MNREGA) के तहत मजदूरों को दी जाने वाली मजदूरी एवं मजदूरों द्वारा कराए जाने वाले विकास कार्यों को जेसीबी मशीनों से संपन्न कर लूट खसोट की जा रही है।

ताजा मामला दतिया जिले की जनपद पंचायत के तहत आने वाली ग्राम पंचायत धीरपुरा का है, जहां पंचायत में स्वीकृत तमाम विकास कार्य भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ते हुए ना जरा रहे हैं। सरपंच सचिव द्वारा पंचायत में इस प्रकार से कागजी घोड़े द्वारा जा रहे हैं कि विकास कार्यों में मनरेगा के तहत करीब 1 महीने में 20 दिन दी जाने वाली मजदूरी मजदूरों को नहीं मिल पा रही है लेकिन उनकी जगह पर विकास कार्यों को संपन्न कराने में जेसीबी मशीन महत्वपूर्ण भूमिका अदा कर रही है।

कहने को तो मनरेगा के तहत मजदूरों को 20 दिन की मजदूरी देने की गारंटी योजना है लेकिन यह गारंटी योजना सिर्फ भ्रष्टाचार की गारंटी योजना बनकर रह गई है। जिसमें आए दिन लगातार दतिया जिले की तमाम ग्राम पंचायत से मनरेगा में की जाने वाली मजदूरी में सरपंच सचिव द्वारा फर्जी मस्टर रोल लगाकर मजदूरों का हक मारा जा रहा है तो वही पंचायत में विकास कार्य गुणवत्ताहीन किए जा रहे हैं।

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बता दें कि धीरपुर ग्राम पंचायत में इस समय करीब नवीन तालाब राशि 3,75,000/-, परकुलेशन 1,00,000/-, गोशाला 1,00,000/-, पंचायत भवन भारत 1,25,000/-,
प्रदमसिंह गुर्जर तालाब 50,000/- स्वीकृत होकर निर्माणाधीन है। लेकिन पंचायत के सरपंच एवं सचिव इस इन कार्यों को जेसीबी कराने में लगे हुए है ओर काजग में मजदूरों की मजदूरी दिखाकर फर्जी मस्टर बनाये जा रहे ओर लाखो रुपये की राशि को हड़प किया जा रहा है।

ऐसा नही है कि इसकी भनक जनपद पंचायत सेवढ़ा को न हो। लेकिन जनपद के अधिकारी एसी ऑफिस में बैठकर मनरेगा को खुलेआम लूटने का लुफ्ट उठा रहे है। इन कार्याे को मौके पर देखने की जिम्मेदारी इंजीनियर, पंचायत इंस्पेक्टर की लेकिन यह पंचायत तक पहुंच कर निरीक्षण करे ऐसा कहना गलत होगा। और न ही सही मूल्यांकन किया जा रहा है। मौके जाकर कार्यवाही करने की बजाय ऑफिस ऑफिस खेला जाता है।

धीरापुरा पंचायत में हो रहे गुणवत्ताहीन निर्माण कार्य एवं नरेगा में मजदूरी में भ्रष्टाचार की शिकायत अधिकारियों को की जा चुकी है। लेकिन आज तक कार्यवाही नही हो सकी। इससे साफ स्पष्ट होता है कि पंचायत से लेकर अधिकारी तक भ्रष्टाचार की गंगोत्री में नहाने को लगे है।

इनका कहना है।

इस सम्बंध में जिला पंचायत सीईओ कमलेश भार्गव का कहना है कि आपके द्वारा बताया गया है। धीरपुरा पंचायत में सीईओ जनपद सेवढ़ा, एई को भेज कर जांच करवाता हूँ। शिकायत सही पायी जाती है तो कार्यवाही की जाएगी।

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