जिला चिकित्सालय में विश्व सिकल सेल दिवस का हुआ आयोजन
दतिया sickle cell anaemia : जिला चिकित्सालय परिसर में आज 19 जून को विश्व सिकल सेल (sickle cell anaemia) दिवस पर कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में सेंवढ़ा विधायक प्रदीप अग्रवाल के साथ कलेक्टर संदीप कुमार माकिन, रामजी खरे वरिष्ठ समाजसेवी, डॉ. आर.बी. कुरेले मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी, डॉ. के.सी. राठौर सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक मंचासीन रहे।
कार्यक्रम की शुरूआत सेवढ़ा विधायक प्रदीप अग्रवाल एवं कलेक्टर संदीप माकिन ने दीप प्रज्जवलित कर सरस्वती माता का माल्यार्पण के साथ किया। मंच का संचालन श्री मनोज गुप्ता जिला एपीडिमियोलॉजिस्ट (Epidemiologist) द्वारा किया गया। इस मौके पर डॉ. डी.के. सोनी जिला टीकाकरण अधिकारी, डॉ. डी.एस. तौमर आरएमओ जिला चिकित्सालय, डॉ. विशाल वर्मा नोडल अधिकारी शहरी स्वास्थ्य कार्यक्रम, डॉ. राहुल चउदा जिला कार्यक्रम प्रबंधक, डॉ. जयंत यादव जिला मलेरिया अधिकारी, श्री सौरभ सक्सैना, श्री अजय गुप्ता जिला लेखा प्रबंधक, श्री अशीष खरे उपस्थित हुए।
कार्यक्रम के दौरान सीएस श्री राठौर ने अतिथियों को जानकारी देते हुए बताया कि सिकल सेल रोग अनुवांशिक बीमारी है। माता-पिता यदि सिकल सेल रोग के वाहक या प्रभावित हों तो शिशु को यह रोग होने की संभावना रहती है। यदि बच्चा सिकल रोग से प्रभावित है तो बीमारी का निदान 5-6 महीने की उम्र तक नहीं किया जा सकता।
उन्होंने बताया कि सिकल रोग वंशानुगत रक्त विकारों का एक समूह है। यह रेड ब्लड सेल्स को दरांती के आकार में बदल देता है। ये सेल्स लचीले नहीं होते हैं और ऑक्सीजन के अभाव में आपस में चिपक जाते हैं। इससे खून का प्रवाह रूक जाता है। यही से रोगी को कई समस्याऐं उत्पन्न होना शुरू हो जाती हैं। यदि ऐसा हो रहा है तो प्रभावित व्यक्ति को चिकित्सीय परामर्श लेना चाहिए।
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डॉ. कल्पित अग्रवाल नोडल अधिकारी सिकल सेल एनीमिया कार्यक्रम ने बताया कि विश्व सिकल सेल दिवस पर 43 गर्भवती महिलाओं के रक्त का परीक्षण किया गया। इसके साथ ही सिकल सेल एनीमिया की भी जांच की गई। खुशी की बात यह है कि 43 महिलाओं की जांच में एक भी महिला सिकल सेल एनीमिया बीमारी से प्रभावित नहीं पाई गई।
डॉ. अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि सिकल सेल रोग प्रभावित व्यक्ति में कई तरह के लक्षण पाए जाते हैं। इनमें छाती, पेट और जोड़ों में दर्द, हाथ पैरों में सूजन, देखने में परेशानी होना, थकान और सांसों की कमी, धीमी वृद्धि और बच्चों में यौवन में देरी, बार-बार संक्रमण के साथ ही पीली त्वचा और नाखून आदि लक्षण अधिकतम मामलों में नजर आते हैं। यदि यह लक्षण किसी सामान्य व्यक्ति में पाये जाते हैं तो यह समझा जाता है कि वह सिकल सेल एनीमिया बीमारी से प्रभावित है।